Bank License Cancelled: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 में बैंकिंग व्यवस्था को दुरुस्त और सुरक्षित बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। इस महीने RBI ने जहां चार सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए, वहीं आठ बैंकों पर भारी वित्तीय जुर्माना भी लगाया है।
इनमें सिटीबैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक जैसे बड़े बैंक भी शामिल हैं। ये कार्रवाई नियमों की अनदेखी और ग्राहकों की सुरक्षा के लिहाज से की गई है।
इन चार बैंकों का रद्द हुआ लाइसेंस कारोबार करने पर रोक
RBI ने चार सहकारी बैंकों को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और पूंजी की कमी के चलते बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब ये बैंक लेनदेन और किसी भी प्रकार का बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकते।
जिन बैंकों का लाइसेंस रद्द हुआ
- अंजना अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) – लाइसेंस रद्द: 22 अप्रैल 2025
- कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) – लाइसेंस रद्द: 16 अप्रैल 2025
- इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर (पंजाब) – लाइसेंस रद्द: 25 अप्रैल 2025
- शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज (महाराष्ट्र) – लाइसेंस रद्द: 11 अप्रैल 2025
इन बैंकों को RBI की ओर से ग्राहकों के हित में बंद किया गया, क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति बेहद कमजोर थी और वे अपने खाताधारकों की जमा राशि लौटाने में भी असमर्थ थे।
क्यों रद्द हुए इन बैंकों के लाइसेंस ?
RBI की जांच में यह पाया गया कि:
- इन बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी नहीं बची थी
- भविष्य में कमाई की कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी
- ये बैंक जमा राशियों की वापसी भी नहीं कर पा रहे थे
- इनके चालू रहने से ग्राहकों का पैसा डूबने का खतरा था
इसलिए RBI ने यह निर्णय लिया कि इन बैंकों का संचालन बंद कर देना ग्राहकों की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
क्या होगा खाताधारकों का ?
इन बैंकों के खाताधारकों को घबराने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार की डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा मिलता है।
यानी यदि आपका पैसा इन बैंकों में जमा है, तो आप DICGC से ₹5 लाख तक की राशि क्लेम कर सकते हैं।
RBI और DICGC मिलकर जल्द ही क्लेम प्रक्रिया की जानकारी साझा करेंगे ताकि ग्राहक अपना पैसा वापस प्राप्त कर सकें।
इन 8 बैंकों पर ठोका गया जुर्माना जानिए क्यों हुई कार्रवाई
RBI ने अप्रैल में 8 बैंकों पर वित्तीय नियमों के उल्लंघन और ग्राहक सेवा में गड़बड़ी के चलते जुर्माना लगाया है। इनमें सरकारी और निजी दोनों तरह के बैंक शामिल हैं।
जिन बैंकों पर जुर्माना लगा:
| बैंक का नाम | कार्रवाई का कारण |
| आर्यावर्त बैंक, लखनऊ | RBI गाइडलाइन का उल्लंघन |
| श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक | KYC नियमों की अनदेखी |
| सिटीबैंक एन.ए | रेगुलेटरी अनुपालन में चूक |
| पंजाब नेशनल बैंक (PNB) | ग्राहक सेवा में गड़बड़ी |
| आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड | सूचना साझा करने में लापरवाही |
| कोटक महिंद्रा बैंक | गैर-प्रामाणिक रिपोर्टिंग |
| इंडियन ओवरसीज बैंक | निर्देशों का उल्लंघन |
| इंडियन बैंक | बैंकिंग सेवाओं में लापरवाही
यह जुर्माना ग्राहकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा, लेकिन यह बैंकों को अपने सिस्टम और सेवाएं सुधारने की सख्त चेतावनी जरूर है।
ग्राहकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
अगर आपका खाता इनमें से किसी बैंक में है, तो:
- बैंक की अधिकारिक वेबसाइट या शाखा से अपडेट लें
- यदि बैंक का लाइसेंस रद्द हुआ है तो DICGC के तहत क्लेम की प्रक्रिया जल्दी शुरू करें
- बैंकिंग से जुड़े SMS, नोटिस या कॉल को अनदेखा न करें
- अगर आप डिजिटल बैंकिंग करते हैं, तो नए निर्देशों के अनुसार लॉगिन और ट्रांजेक्शन अपडेट करें
क्या यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ?
RBI लगातार बैंकों की निगरानी कर रहा है। अगर कोई बैंक ग्राहक हितों की अनदेखी करता है या वित्तीय नियमों को तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
इसका उद्देश्य केवल सज़ा देना नहीं, बल्कि बैंकिंग व्यवस्था को सुरक्षित और पारदर्शी बनाए रखना है।
ग्राहक रहें सतर्क RBI की निगरानी से मिलेगी सुरक्षा
भारतीय रिजर्व बैंक की यह कार्रवाई दिखाती है कि अब नियमों के खिलाफ काम करने वाले बैंकों पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
ग्राहकों को सलाह है कि वे अपने बैंक की स्थिति पर नजर रखें और आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें।