RBI New Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि 10 और 500 रुपये के नए नोट जल्द जारी किए जाएंगे। ये नोट महात्मा गांधी (नई) सीरीज के तहत होंगे और इनमें खास बात यह होगी कि इन पर नव-नियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे।
नोटों के डिज़ाइन में नहीं होगा कोई बदलाव
आरबीआई ने साफ किया है कि इन नए नोटों का डिज़ाइन, रंग, आकार और सुरक्षा विशेषताएं वही रहेंगी जो पहले से चलन में हैं। इससे लोगों को नए नोट पहचानने और उपयोग करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
पुराने नोट भी रहेंगे वैध
नई घोषणा के बावजूद, पहले से प्रचलन में मौजूद 10 और 500 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। यानी, आम जनता को अपने पुराने नोटों को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने संभाला कार्यभार
संजय मल्होत्रा ने दिसंबर 2024 में आरबीआई गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला। परंपरा के अनुसार, जब भी कोई नया गवर्नर नियुक्त होता है, तो उसके हस्ताक्षर वाले नए नोट जारी किए जाते हैं। इससे मौद्रिक नीति की निरंतरता और विश्वसनीयता बनी रहती है।
नकदी की आपूर्ति को बनाए रखने का उद्देश्य
नए नोटों को जारी करने का मुख्य उद्देश्य देश में नकदी की आपूर्ति को सुचारू बनाए रखना और बैंकिंग प्रणाली में स्थिरता को मजबूत करना है। यह एक प्रशासनिक प्रक्रिया भी है जो अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद को दर्शाती है।
विदेशी व्यापार को लेकर भी उठाया बड़ा कदम
फेमा के तहत नए दिशा-निर्देश
आरबीआई ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत निर्यात और आयात से जुड़े नए मसौदा निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य व्यापार प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है।
व्यापारियों के लिए एकीकृत प्रक्रिया
आरबीआई ने सभी पुराने नियमों को समेकित कर एक ही दस्तावेज में शामिल किया है, जिससे व्यापारियों को अलग-अलग दस्तावेजों की तलाश नहीं करनी पड़ेगी। इससे व्यापार में सुविधा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
नोटों में बदलाव क्या होंगे ?
केवल हस्ताक्षर में अंतर
10 और 500 रुपये के नए नोटों में सिर्फ गवर्नर के हस्ताक्षर बदले जाएंगे। अन्य सभी पहलू – जैसे रंग, डिज़ाइन और सिक्योरिटी फीचर्स – पुराने नोटों जैसे ही होंगे। इससे नकली नोटों की पहचान करने की मौजूदा प्रक्रिया भी प्रभावी बनी रहेगी।
आम नागरिकों पर क्या असर होगा ?
कोई नोट बदलने की जरूरत नहीं
नए नोटों के आने से आम नागरिकों को न तो पुराने नोट बदलने की जरूरत है, न ही कोई विशेष प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता। ये नोट धीरे-धीरे बैंकों के ज़रिए मार्केट में आएंगे और सामान्य रूप से चलन में शामिल होंगे।
अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा कदम
इस प्रक्रिया के जरिए देश की मौद्रिक प्रणाली को स्थिर और विश्वासयोग्य बनाए रखने में मदद मिलेगी। वहीं, नए व्यापारिक दिशा-निर्देशों से भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को नया बल मिलेगा।