सस्ती हो सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमत! कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी Petrol Diesel Price

Petrol Diesel Price: ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। 1 मई 2025 को ब्रेंट क्रूड का जुलाई डिलीवरी वायदा भाव 0.61% गिरकर 60.69 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं, अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड जून के कांट्रैक्ट के लिए 57.73 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे आ गया है। यह गिरावट अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कमजोरी और सऊदी अरब की ओर से तेल आपूर्ति बढ़ने की अटकलों के चलते देखी गई है।

अगर कीमतें बनी रहीं तो घट सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ग्लोबल स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें इसी तरह नीचे बनी रहती हैं, तो भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों में जल्द ही ₹2 से ₹5 प्रति लीटर तक की कटौती हो सकती है। इससे आम जनता को महंगाई के दौर में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

55 डॉलर तक लुढ़क सकता है ब्रेंट क्रूड विशेषज्ञ की राय

नई दिल्ली की रिसर्च फर्म SS वेल्थस्ट्रीट की विशेषज्ञ सुगंधा सचदेवा का कहना है कि, “मांग कमजोर होने और आपूर्ति बढ़ने के कारण ब्रेंट क्रूड 55 डॉलर प्रति बैरल तक लुढ़क सकता है।” उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ने से कच्चे तेल की मांग घट रही है, जिससे इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

यह भी पढ़े:
24 कैरेट सोने की कीमतों में भारी गिरावट, जाने 10 ग्राम सोने का ताजा भाव GOLD SILVER PRICE

पिछले साल की तुलना में तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट

पिछले साल मार्च 2024 में जब भारत सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ₹2 प्रति लीटर की कटौती की थी, तब कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 84.49 डॉलर प्रति बैरल थी। आज यह कीमत 61 डॉलर से भी नीचे आ चुकी है, यानी लगभग 25% तक की गिरावट दर्ज हुई है। इसके बावजूद, भारत में अभी तक पेट्रोल-डीजल के खुदरा मूल्य में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।

तेल कंपनियों को हो रहा बड़ा मुनाफा

जानकारों के मुताबिक, फिलहाल देश की तेल विपणन कंपनियां (OMCs) पेट्रोल-डीजल पर ₹10 से ₹12 प्रति लीटर तक का मुनाफा कमा रही हैं। इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार रिटेल प्राइस में कटौती नहीं की गई है। माना जा रहा है कि सरकार इस मौके का उपयोग राजस्व बढ़ाने के लिए कर सकती है।

सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर लिया फायदा

8 अप्रैल 2025 को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने पेट्रोल का बेस प्राइस ₹54.84 से घटाकर ₹52.84 किया था, लेकिन सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी, जिससे ₹2 का लाभ खुद सरकार के पास चला गया। इस वजह से दिल्ली में पेट्रोल का खुदरा मूल्य ₹94.77 प्रति लीटर और डीजल का ₹87.67 प्रति लीटर ही बना रहा।

यह भी पढ़े:
मई महीने में बैंक छुट्टियों की है भरमार, फटाफट निपटा ले बैंक से जुड़े काम May Bank Holiday List

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कमजोरी बनी गिरावट की बड़ी वजह

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की अर्थव्यवस्था ने 2025 की पहली तिमाही में 3 वर्षों में पहली बार कमजोरी दर्ज की है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियां और आयात में तेजी को माना जा रहा है। रॉयटर्स के सर्वे में कहा गया है कि वैश्विक मंदी की आशंका भी बढ़ गई है, जिसका सीधा असर कच्चे तेल की मांग पर पड़ रहा है।

ग्लोबल डिमांड का अनुमान घटा भारत-चीन की मांग भी कमजोर

एनालिटिक्स फर्म केप्लर ने 2025 के लिए कच्चे तेल की वैश्विक मांग का अनुमान पहले 8 लाख बैरल प्रतिदिन से घटाकर 6.4 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया है। इसका कारण चीन-अमेरिका व्यापार तनाव और भारत में मांग का कमजोर होना बताया गया है। इसके चलते विश्लेषकों ने 2025 के लिए ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत $68.98 प्रति बैरल और WTI की $65.08 प्रति बैरल रहने का अनुमान जताया है।

अमेरिका में घटे तेल भंडार सऊदी अरब भी कर सकता है सप्लाई बढ़ाने की तैयारी

अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार, पिछले हफ्ते अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 2.7 मिलियन बैरल घटा है, जबकि विशेषज्ञों को 4.29 लाख बैरल बढ़ने की उम्मीद थी। वहीं रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब अब तेल सप्लाई कटौती का समर्थन करने के मूड में नहीं है और OPEC+ के कुछ सदस्य जून 2025 में उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दे सकते हैं।

यह भी पढ़े:
50 रूपए के नोट में होंगे ये बदलाव, जल्द ही RBI जारी करेगा नए नोट Indian Currency

OPEC+ की 5 मई को अहम बैठक तय हो सकता है आगे का रुख

OPEC+ की अगली बैठक 5 मई 2025 को होनी है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि उत्पादन को बढ़ाया जाए या कटौती जारी रखी जाए। अगर OPEC+ उत्पादन बढ़ाता है तो कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट आ सकती है, जिससे भारत जैसे आयातक देशों को बड़ा फायदा होगा।

पेट्रोल-डीजल सस्ता होने की बन रही उम्मीद सरकार के फैसले पर सबकी नजर

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आम जनता के लिए राहत लेकर आ सकती है। हालांकि सरकार कब और कितना फायदा उपभोक्ताओं को देती है, यह नीति पर निर्भर करेगा। अगर वैश्विक स्तर पर कीमतें नीचे बनी रहती हैं और OMCs को मुनाफा मिलता रहता है, तो आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की पूरी संभावना है।

यह भी पढ़े:
वेटिंग टिकट पर स्लीपर या AC कोच में सफर करने वाले सावधान, आज से रेल्वे नियम में हुआ बदलाव Waiting Train Ticket Rules