रेल्वे प्लेटफार्म पर समुद्र तक से ऊंचाई क्यों लिखी होती है, जाने इसका खास कारण Indian Railway

Indian Railway: अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो आपने हर रेलवे प्लेटफॉर्म पर पीले रंग का एक बोर्ड जरूर देखा होगा, जिस पर स्टेशन का नाम और उसके नीचे ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ (Mean Sea Level) लिखी होती है। ये केवल एक सामान्य जानकारी नहीं, बल्कि रेलवे के संचालन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जानकारी होती है।

क्या होता है ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ का मतलब ?

रेलवे प्लेटफॉर्म पर लिखे ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ को अंग्रेज़ी में Mean Sea Level (MSL) कहा जाता है। यह पृथ्वी पर समुद्र के सामान्य स्तर को आधार मानकर मापी गई ऊंचाई होती है। चूंकि समुद्र का स्तर पूरी दुनिया में लगभग स्थिर रहता है, इसलिए इसे ऊंचाई मापने का आधार बिंदु माना जाता है।

क्यों है इसकी रेलवे में जरूरत ?

रेलवे स्टेशन पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखना सिर्फ जानकारी के लिए नहीं, बल्कि ट्रेन के संचालन में सहायता के लिए होता है। लोको पायलट (Train Driver) और गार्ड के लिए यह आंकड़ा बेहद जरूरी होता है क्योंकि इससे उन्हें यह अंदाजा लग जाता है कि ट्रेन को ऊपर चढ़ाना है या नीचे उतराना है। इसी के अनुसार वे इंजन की पावर और ब्रेकिंग तय करते हैं।

यह भी पढ़े:
दिल्ली NCR में आज झमाझम बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने जारी की भविष्यवाणी IMD Weather Alert

ट्रेन की स्पीड और ऊंचाई का गहरा संबंध

अगर ट्रेन को किसी ऊंचाई की ओर चढ़ाना है, तो लोको पायलट को पहले से पता चल जाता है कि इंजन को अधिक पावर देनी होगी। वहीं जब ट्रेन को नीचे की ओर लाना होता है, तो पायलट को यह जानकारी मिलती है कि उसे कितना ब्रेक लगाना है और किस तरह से स्पीड को नियंत्रित रखना है ताकि ट्रेन सुरक्षित ढंग से चलती रहे।

पहाड़ी इलाकों में क्यों और भी जरूरी हो जाती है यह जानकारी ?

जिन रेलवे रूट्स पर ढलान और चढ़ाई ज्यादा होती है, जैसे दार्जिलिंग, कोंकण, शिमला या जम्मू-कश्मीर की रेलवे लाइनें, वहां यह डेटा और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। ऊंचाई की जानकारी ट्रेन की गति को नियंत्रित करने, ईंधन की बचत, और इंजन पर लोड कम करने जैसे कई अहम निर्णयों में मदद करती है।

यात्रियों के लिए भी दिलचस्प है ये जानकारी

हालांकि ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ की जानकारी यात्रियों के लिए अनिवार्य नहीं, लेकिन यह उनके लिए दिलचस्प जानकारी जरूर होती है। जब यात्री जानते हैं कि वे समंदर से कितनी ऊंचाई पर हैं, तो उनका यात्रा अनुभव और भी रोमांचक हो जाता है, खासकर जब वे पहाड़ी या घाटी वाले स्टेशनों पर होते हैं।

यह भी पढ़े:
सोमवार दोपहर को धड़ाम से गिरा सोना, 24 कैरेट सोने की कीमतों में भारी गिरावट Gold Silver Price

हर स्टेशन पर क्यों दर्ज होती है यह ऊंचाई ?

रेलवे के नियमों के अनुसार, प्रत्येक स्टेशन पर ऊंचाई दर्ज करना अनिवार्य है। यह जानकारी रेलवे के संचालन, संरचना, और आपात स्थितियों में निर्णय लेने में बहुत मददगार होती है। इससे किसी स्टेशन की सटीक भौगोलिक स्थिति का भी पता चलता है।

एक साधारण-सी जानकारी लेकिन बहुत बड़ा काम

रेलवे प्लेटफॉर्म पर लिखा ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ का आंकड़ा देखने में भले ही सामान्य लगे, लेकिन इसका तकनीकी और सुरक्षा से सीधा संबंध होता है। ट्रेन की चाल, इंजन की ताकत, यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे की संपूर्ण योजना इस एक आंकड़े से जुड़ी होती है। अगली बार जब आप रेलवे स्टेशन पर पीले बोर्ड को देखें, तो समझ जाएं कि यह सिर्फ नाम नहीं, बल्कि एक अहम सूचना भी है।

यह भी पढ़े:
इन जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी, जाने हरियाणा में मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी Haryana Weather Alert