Solar Panel Air Conditioner: गर्मी का मौसम शुरू होते ही एयर कंडीशनर (AC) की मांग बढ़ जाती है। चिलचिलाती धूप और लू से राहत पाने के लिए लोग सबसे पहले अपने घर में AC का सहारा लेते हैं। लेकिन जहां AC राहत देता है, वहीं इससे बिजली का बिल भी बढ़ जाता है। यही वजह है कि आज हर घर में ये सवाल उठता है – AC चलाएं या बिजली का बिल बचाएं ?
सोलर पैनल से AC चलाना कितना संभव ?
आजकल बाजार में कई ऐसे सोलर सिस्टम उपलब्ध हैं जिनकी मदद से आप ना केवल अपना AC, बल्कि पूरा घर सोलर एनर्जी से चला सकते हैं। 1.5 टन AC को चलाने के लिए आमतौर पर 5 किलोवाट (kW) का सोलर सिस्टम काफी होता है। इसके लिए आपको कम से कम 10 सोलर पैनल की जरूरत होगी। पूरी व्यवस्था की कीमत लगभग ₹5 लाख तक पहुंच सकती है, लेकिन यह एक बार का निवेश है, जिसके बाद बिजली का बिल काफी हद तक खत्म हो सकता है।
AC के लिए कौन-सा सोलर सिस्टम सबसे बेहतर ?
अगर आप पूरे दिन AC चलाना चाहते हैं और बिजली की कमी या बिल से बचना चाहते हैं, तो हाइब्रिड सोलर सिस्टम आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें तीन प्रमुख घटक होते हैं:
- सोलर पैनल – सूरज की रोशनी से बिजली बनाते हैं।
- सोलर इन्वर्टर – डायरेक्ट करंट (DC) को अल्टरनेटिंग करंट (AC) में बदलते हैं।
- बैटरी – अतिरिक्त बिजली को स्टोर करके रात के समय उपयोग के लिए बचाकर रखती है।
हाइब्रिड सिस्टम में, दिन में बनने वाली अतिरिक्त बिजली बिजली ग्रिड में भेजी जा सकती है और रात को जब जरूरत हो, तब उसे वापस इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऑफ-ग्रिड सिस्टम बिजली बिल की छुट्टी
अगर आपका मकसद है कि बिजली बिल बिल्कुल भी न आए, तो ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाना समझदारी होगी। यह सिस्टम पूरी तरह से सोलर पावर पर निर्भर करता है और इसमें मजबूत बैटरी बैकअप होता है। हालांकि, इसमें शुरुआती लागत अधिक होती है, लेकिन लंबे समय में यह लागत कई गुना बचत में बदल जाती है।
बैटरी से कितने घंटे चल सकता है AC ?
अक्सर लोग पूछते हैं कि बैटरी से AC कितने घंटे चल पाएगा ? तो इसका जवाब है—2 से 3 घंटे। लेकिन अगर आप दिनभर AC चलाना चाहते हैं, तो आपको या तो हाइब्रिड सिस्टम चुनना होगा या ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम, जिसमें आप ग्रिड से भी बिजली ले सकते हैं और जब जरूरत न हो तो उसमें वापस बिजली भेज सकते हैं।
सोलर सिस्टम में कितनी लागत और क्या लाभ ?
5 किलोवाट के सोलर सिस्टम में लगभग ₹4.5 से ₹5 लाख तक खर्च आ सकता है। लेकिन इस लागत से आप सिर्फ AC ही नहीं, बल्कि:
- फ्रिज
- वॉशिंग मशीन
- टीवी
- लाइट
- पंखे
- अन्य सभी घरेलू उपकरण भी चला सकते हैं।
यानी पूरा घर सोलर से चल सकता है, और आपको बिजली के बिल की चिंता नहीं रहेगी।
AC के साथ सोलर इन्वर्टर क्यों जरूरी ?
आपके सोलर पैनल से जो बिजली बनती है वह DC करंट होती है, जबकि हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाली बिजली AC करंट होती है। इसलिए सोलर इन्वर्टर जरूरी है, जो इस करंट को बदलकर आपके उपकरणों को सही तरीके से चलने लायक बनाता है।
बिजली विभाग से अनुमति की जरूरत क्यों ?
अगर आप ऑन-ग्रिड या हाइब्रिड सिस्टम लगवा रहे हैं तो आपको बिजली विभाग से अनुमति लेनी होगी। यह एक कानूनी प्रक्रिया होती है जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि आपकी ग्रिड में भेजी जा रही बिजली सुरक्षित है और किसी अन्य उपयोगकर्ता को नुकसान नहीं पहुंचा रही।
क्या यह निवेश फायदे का सौदा है ?
बिलकुल। मान लीजिए आप महीने में ₹5,000 का बिजली बिल देते हैं, तो सालाना खर्च हुआ ₹60,000। यानी 5 साल में ₹3 लाख। जबकि सोलर सिस्टम लगाने में 4.5-5 लाख खर्च होगा और 20-25 साल तक चलेगा। यानि कि ये एक लॉन्ग टर्म सेफ एंड सेविंग डील है।
सोलर पैनल है AC चलाने का स्मार्ट तरीका
गर्मी में राहत चाहिए, लेकिन बिजली बिल नहीं चाहिए ? तो सोलर सिस्टम आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। चाहे आप केवल AC के लिए सिस्टम लगाना चाहें या पूरे घर के लिए, सोलर सिस्टम न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि लंबी अवधि में आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।