हेलमेट पहना हुआ है तो भी कट सकता है चालान, जुर्माने के साथ हो सकती है एफआईआर Helmet Challan Rules

Helmet Challan Rules: उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा (Road Safety) को लेकर एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। राज्य सरकार ने अब साफ कर दिया है कि यदि कोई भी दोपहिया वाहन चालक नकली या गैर-BIS हेलमेट (Non-BIS Helmet) पहनते हुए पाया जाता है, तो उस पर न केवल जुर्माना लगेगा, बल्कि एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। यह फैसला राज्य में लगातार बढ़ते सड़क हादसों और उनमें हो रही मौतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

सड़क हादसों पर लगाम लगाने की सख्त पहल

सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 में यूपी में करीब 46,000 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 24,000 से अधिक लोगों की जान चली गई। यह डरावना आंकड़ा ही सरकार को मजबूर कर रहा है कि सड़क सुरक्षा के नियम और सख्त किए जाएं। ऐसे में नकली हेलमेट को लेकर यह नया नियम यूपी की सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

BIS प्रमाणित हेलमेट ही होंगे मान्य

सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब केवल BIS सर्टिफाइड हेलमेट ही वैध माने जाएंगे। यदि कोई भी व्यक्ति नकली या लोकल स्तर पर बने बिना मान्यता वाले हेलमेट पहनकर गाड़ी चलाता है, तो उसके खिलाफ पुलिस चालान और FIR दर्ज कर सकती है। इस कदम से दोपहिया चालकों को असली सुरक्षा मिलेगी, और फर्जी हेलमेट का बाजार भी बंद होगा।

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हेलमेट उद्योग ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

भारत के टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (2WHMA) ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष और स्टीलबर्ड हेलमेट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव कपूर ने इसे “ऐतिहासिक निर्णय” बताया। उन्होंने कहा कि यह नकली हेलमेट के व्यापार पर सीधा प्रहार है और इससे उपभोक्ताओं में सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ेगी।

नकली हेलमेट को बताया ‘खामोश हत्यारा’

राजीव कपूर ने नकली हेलमेट को “खामोश हत्यारा” करार दिया है। उन्होंने कहा कि ये हेलमेट देखने में असली जैसे लगते हैं लेकिन दुर्घटना के समय कोई सुरक्षा नहीं देते। इस वजह से कई लोगों की जान बेवजह चली जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह नियम केवल निर्माताओं और विक्रेताओं ही नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी चेतावनी है।

कानून के साथ-साथ जागरूकता भी जरूरी

2WHMA का मानना है कि कानून बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि लोगों को जागरूक भी करना होगा। उपभोक्ताओं को यह समझाना जरूरी है कि सस्ते हेलमेट खरीदना उनकी जान के साथ खिलवाड़ है। साथ ही हेलमेट निर्माताओं को भी अपनी गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहिए।

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पूरे देश में लागू हो ऐसा कानून उद्योग की मांग

एसोसिएशन ने देश के अन्य राज्यों से अपील की है कि वे भी उत्तर प्रदेश की तरह नकली हेलमेट के खिलाफ सख्त नियम बनाएं। कपूर का मानना है कि सड़क सुरक्षा केवल यूपी की नहीं, पूरे भारत की जिम्मेदारी है। यदि हर राज्य में यह नियम लागू हो जाए, तो देश में हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

दोपहिया चालकों की सुरक्षा की दिशा में

उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय देशभर में सड़क सुरक्षा पर गंभीर चर्चा की शुरुआत कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सभी राज्य BIS प्रमाणित हेलमेट को अनिवार्य कर दें, तो यह लाखों लोगों की जान बचाने में सहायक हो सकता है। यह एक नई सोच और जिम्मेदार प्रशासन की मिसाल है।

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