Haryana Weather Forecast: हरियाणा में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। राज्य के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला 7 मई तक बना रहेगा। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि इस सप्ताह प्रदेश में लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेंगे, जिनका असर साफ तौर पर देखा जाएगा।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज हवाएं
3 मई की रात से ही हरियाणा में दो पश्चिमी विक्षोभों के सक्रिय होने की पुष्टि हुई है। इसके प्रभाव से राज्य में उत्तर-पूर्वी हवाएं चलेंगी और कई इलाकों में आंशिक बादल छाने के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इस कारण से दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
मौसम विभाग का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 4 मई और 5 मई के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। इन दो दिनों के दौरान प्रदेश में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। इससे फसलों और खुले में रखे सामान को नुकसान हो सकता है।
इन जिलों में अधिक प्रभाव संभलकर रहें
मौसम विभाग के अनुसार, जिन जिलों में बारिश और तेज हवाओं का सबसे ज्यादा असर हो सकता है, वे हैं:
सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात और नूंह।
इन इलाकों में कहीं-कहीं तेज बारिश और बिजली कड़कने की घटनाएं भी हो सकती हैं। लोगों को जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
5 मई को पूरे हरियाणा में वर्षा की संभावना
5 मई को हरियाणा के सभी जिलों में बारिश के आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार:
- पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में 50% से 75% बारिश की संभावना
- कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत और सोनीपत में 25% से 50% तक बारिश के आसार
- बाकी जिलों में 25% तक हल्की बूंदाबांदी की स्थिति बनी रह सकती है।
6 मई को भी जारी रहेंगे बादल और बरसात के हालात
मौसम विभाग के अनुसार 6 मई को भी प्रदेश में वर्षा की संभावना बनी रहेगी। इसके साथ ही हल्की से मध्यम हवाएं चलती रहेंगी, जिससे वातावरण में नमी बनी रहेगी और गर्मी से राहत मिलेगी।
तापमान में दर्ज की गई गिरावट
पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश और बादलवाही के कारण हरियाणा के तापमान में औसतन 3.1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। इसका असर खेतों में खड़ी फसलों पर भी पड़ सकता है, विशेषकर सब्जियों और दलहनों पर।
किसानों और आम लोगों को क्या करना चाहिए
- खुले में रखी फसलों को ढककर रखें
- पॉलीहाउस और ग्रीन हाउस स्ट्रक्चर की जांच करें
- बिजली उपकरणों को सुरक्षित स्थान पर रखें
- जिन इलाकों में ज्यादा हवा चलने की संभावना है वहां पेड़ों या पुराने निर्माणों से दूर रहें