Credit Card Rules: आज के दौर में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है। इससे न सिर्फ खरीदारी आसान हुई है, बल्कि यह इमरजेंसी में शॉर्ट टर्म लोन का विकल्प भी बन गया है। कई बार लोग ग्रेस पीरियड में बिना ब्याज के खर्च चुकाते हैं, जिससे उन्हें समय पर भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता। इसके अलावा रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक और डिस्काउंट जैसी सुविधाएं भी इस कार्ड को लोकप्रिय बनाती हैं।
क्रेडिट कार्ड से लिया गया लोन होता है अनसिक्योर्ड
क्रेडिट कार्ड से मिलने वाला लोन अनसिक्योर्ड (बिना गिरवी वाला) लोन होता है। यानी बैंक इस लोन के लिए आपसे कोई गारंटी या संपत्ति गिरवी नहीं रखता। यह पूरी तरह से आपकी क्रेडिट प्रोफाइल, आय और भुगतान की विश्वसनीयता पर आधारित होता है। लेकिन सवाल यह है कि अगर किसी व्यक्ति ने क्रेडिट कार्ड से लोन लिया हो और फिर उसकी मृत्यु हो जाए, तो यह बकाया राशि कौन चुकाएगा?
मृत्यु के बाद क्रेडिट कार्ड का बकाया वसूलने को लेकर नियम
अगर क्रेडिट कार्डधारक की मृत्यु हो जाती है और उसने क्रेडिट कार्ड का बकाया नहीं चुकाया है, तो बैंक उस बकाया को बट्टे खाते (write-off) में डाल देता है। यानी वह यह मानकर चलता है कि उस पैसे की वसूली अब नहीं हो सकती। नियम के अनुसार, बैंक मृतक के परिवार को यह लोन चुकाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। इस स्थिति में बकाया पूरी तरह से मृत व्यक्ति के साथ समाप्त हो जाता है।
अनसिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड में कानूनी स्थिति साफ
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, अनसिक्योर्ड लोन का मतलब है – बिना किसी सिक्योरिटी या गारंटी के लिया गया कर्ज। ऐसे लोन की कानूनी जिम्मेदारी केवल उसी व्यक्ति की होती है जिसने इसे लिया है। इसलिए अगर वह व्यक्ति जीवित नहीं है, तो बैंक के पास उस रकम की वसूली का कोई कानूनी आधार नहीं बचता। यह नियम क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ अन्य अनसिक्योर्ड लोन पर भी लागू होता है।
सिक्योर क्रेडिट कार्ड की स्थिति कुछ अलग
बाजार में अब सिक्योर क्रेडिट कार्ड भी लोकप्रिय हो रहे हैं। यह कार्ड उन लोगों को दिया जाता है जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं होता या जिन्हें सामान्य क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पाता। इसके लिए व्यक्ति को बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जमा करानी होती है। यह जमा राशि कोलैटरल के रूप में काम करती है।
सिक्योर कार्डधारक की मृत्यु पर बैंक क्या करता है ?
अगर कोई सिक्योर क्रेडिट कार्डधारक अपने बकाया का भुगतान नहीं करता और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो बैंक को उसके द्वारा की गई FD को भुनाने का अधिकार होता है। बैंक उस राशि से अपनी बकाया रकम की वसूली कर सकता है। इस स्थिति में परिवार को अलग से भुगतान नहीं करना होता, लेकिन जमा की गई एफडी की राशि बैंक अपने पास रख लेता है।
पर्सनल लोन पर भी यही नियम लागू होते हैं
पर्सनल लोन भी एक अनसिक्योर लोन होता है, जिसमें कोई गारंटी या संपत्ति नहीं रखी जाती। अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाए, तो बैंक उसके परिजनों या उत्तराधिकारियों से जबरदस्ती वसूली नहीं कर सकता। हालांकि कुछ मामलों में, अगर व्यक्ति के पास संपत्ति हो और वह वसीयत के आधार पर परिवार को ट्रांसफर हो रही हो, तो बैंक कानूनी तौर पर उस संपत्ति पर दावा कर सकता है।
वसीयत और उत्तराधिकार के मामले में क्या होता है ?
अगर किसी मृतक ने कोई वसीयत छोड़ी हो, जिसमें अपनी संपत्ति के उत्तराधिकारी का जिक्र किया गया हो, तो बैंक उस संपत्ति के खिलाफ क्लेम कर सकता है, लेकिन केवल तभी जब उत्तराधिकारी उस संपत्ति को स्वीकार करता है। अगर उत्तराधिकारी संपत्ति को लेने से इनकार कर दे या उसे नहीं अपनाता, तो बैंक उसके खिलाफ भी कानूनी दावा नहीं कर सकता।
इंश्योरेंस पॉलिसी से भी हो सकती है राहत
आजकल कई क्रेडिट कार्ड कंपनियां अपने कार्ड के साथ बिल सेटलमेंट के लिए बीमा (insurance) भी देती हैं। अगर यूजर का निधन हो जाता है, तो बीमा कंपनी उस कार्ड का बकाया भुगतान कर देती है। ऐसे इंश्योरेंस प्लान क्रेडिट कार्ड से जुड़े जोखिमों को कम करने का एक बेहतर तरीका हो सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड धारकों और परिवार के लिए जरूरी सावधानियां
- क्रेडिट कार्ड लेते समय हमेशा टर्म्स और कंडीशंस को पढ़ें
- अगर सिक्योर कार्ड है, तो उसकी FD और कवर लिमिट जरूर समझें
- इंश्योरेंस सुविधा हो तो जरूर एक्टिवेट कराएं
- मृत्यु के बाद क्रेडिट कार्ड को तुरंत बैंक को रिपोर्ट करें
- अगर परिवार को वसूली के लिए परेशान किया जाए तो उपभोक्ता फोरम या बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करें
मृत्यु के बाद बकाया लोन का दायित्व नहीं होता पारिवारिक जिम्मेदारी
क्रेडिट कार्ड से लिया गया लोन, चाहे वह अनसिक्योर हो या सिक्योर, मृत्यु की स्थिति में विशेष नियमों के तहत निपटाया जाता है। अनसिक्योर लोन में बकाया माफ हो जाता है और परिवार पर कोई जिम्मेदारी नहीं रहती। लेकिन सिक्योर लोन में बैंक एफडी को जब्त कर सकता है।
इसलिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल समझदारी से करें और सभी नियमों की सही जानकारी रखें ताकि आप और आपके परिवार को भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।