Delhi Govt News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी में बढ़ती गर्मी को देखते हुए एक सराहनीय फैसला लिया है। उन्होंने गुरुवार को घोषणा की कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक निर्माण श्रमिकों को ‘हीट ब्रेक’ दिया जाएगा, ताकि वे भीषण गर्मी में सुरक्षित रह सकें। यह निर्णय दिल्ली में चिलचिलाती धूप और लू के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
श्रमिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता स्वास्थ्य जांच की भी व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के स्वास्थ्य को लेकर भी अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि हर श्रमिक और उनके परिवार के सदस्यों की नियमित स्वास्थ्य जांच करवाई जाएगी। इसके लिए निर्माण स्थलों पर स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि लगातार धूप में काम करने से डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और थकावट जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
महिला श्रमिकों के लिए बनेगा ‘क्रेच’ काम और बच्चों की देखभाल साथ-साथ
महिला श्रमिकों के लिए एक विशेष योजना की भी घोषणा की गई है। अब निर्माण स्थलों पर ‘क्रेच’ यानी डे केयर सेंटर बनाए जाएंगे, जहां महिला श्रमिक अपने बच्चों को छोड़ सकेंगी। इससे महिलाएं निश्चिंत होकर काम कर सकेंगी और बच्चों को भी एक सुरक्षित माहौल मिलेगा। यह योजना महिला सशक्तिकरण और श्रमिक अधिकारों की दिशा में एक बड़ा कदम है।
3000 वाटर कूलर लगेंगे निर्माण स्थलों और सार्वजनिक जगहों पर
रेखा गुप्ता ने करोल बाग में आयोजित श्रमिक सम्मान समारोह में यह भी ऐलान किया कि दिल्ली सरकार जल्द ही 3000 वाटर कूलर सार्वजनिक और निर्माण स्थलों पर लगाएगी। इससे मजदूरों को ठंडा पानी मिलेगा और गर्मी से बचाव संभव हो सकेगा। यह कदम मजदूरों की सेहत के साथ-साथ उनकी उत्पादकता को भी बेहतर बनाएगा।
श्रमिकों का बढ़ाया गया न्यूनतम वेतन मजदूर दिवस से लागू
मुख्यमंत्री ने बताया कि मजदूरों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की है, जो मजदूर दिवस (1 मई) से प्रभावी होगी। अब श्रमिकों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा और वे अपने परिवार को बेहतर जीवन दे सकेंगे। रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि सरकार मजदूरों के बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं बना रही है।
श्रमिकों के योगदान को बताया सर्वोपरि CM ने दिया सम्मान का संदेश
रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा –
“भारत के विकास में हमारे श्रमिक भाइयों और बहनों का योगदान सर्वोपरि और सर्वश्रेष्ठ है। आपका समर्पण भारत के विकास रथ को गति प्रदान करता है। आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने श्रमिकों के सम्मान, अधिकारों और चिंताओं के लिए निरंतर काम करेंगे।”
उनका यह संदेश श्रमिकों को सम्मान देने और उनके हक की लड़ाई को आगे बढ़ाने की मजबूत मंशा को दर्शाता है।
कपिल मिश्रा का तंज पिछली सरकारें श्रमिकों को नजरअंदाज करती थीं
दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने भी इस मौके पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में यह पहला मौका है जब मजदूर दिवस को इतने सम्मान के साथ मनाया गया है। उन्होंने पूर्व सरकार पर हमला करते हुए कहा कि “उनके पास फंड तो था, लेकिन उन्होंने श्रमिकों के लिए कोई सम्मान कार्यक्रम नहीं किया।” मिश्रा ने यह भी कहा कि अब सरकार सिर्फ कागजों पर नहीं, जमीनी स्तर पर काम कर रही है।
सरकार का उद्देश्य श्रमिक हित और विकास दोनों साथ-साथ
दिल्ली सरकार का यह कदम स्पष्ट करता है कि वह सिर्फ विकास नहीं, बल्कि समावेशी विकास में विश्वास रखती है। चाहे वह मजदूरों की सेहत हो, बच्चों की देखभाल, या न्यूनतम वेतन – सभी दिशाओं में सरकार ने सक्रिय पहल की है। ये सभी फैसले गर्मी के मौसम में श्रमिकों के जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ उनकी गरिमा को भी बढ़ाते हैं।
‘श्रमिक पहले’ नीति की मिसाल बन रही है दिल्ली सरकार
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि जब नेतृत्व में संवेदनशीलता हो, तो नीतियां सिर्फ घोषणा नहीं, बदलाव का जरिया बन जाती हैं। भीषण गर्मी में ‘हीट ब्रेक’ जैसी सोच, 3000 वाटर कूलर की पहल, महिला श्रमिकों के लिए क्रेच और वेतन वृद्धि जैसे फैसले, दिल्ली को श्रमिक-हितैषी राजधानी की ओर ले जाते हैं।