कंपनियों ने दूध कीमतों में की बढ़ोतरी, अब देने पड़ेंगे इतने रुपए एक्स्ट्रा Milk Price Increased

Milk Price Increased: दूध की बढ़ती कीमतों से परेशान आम लोगों को एक और झटका लगा है। मदर डेयरी और अमूल के बाद अब लखनऊ दुग्ध संघ (पराग) ने भी अपने दूध की कीमतें बढ़ा दी हैं। यह बढ़ोतरी शनिवार से लागू कर दी गई है। आधा लीटर और एक लीटर की पैकिंग पर एक-एक रुपये की वृद्धि की गई है।

दूध उत्पादन और वितरण की लागत बढ़ने से हुआ फैसला

लखनऊ दुग्ध संघ के महाप्रबंधक विकास बालियान ने बताया कि दूध उत्पादन, संग्रहण और वितरण की लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी कारण कीमत बढ़ाना जरूरी हो गया।

  • फुल क्रीम दूध अब 1 लीटर के लिए 69 रुपये और
  • आधा लीटर के लिए 35 रुपये में उपलब्ध होगा, जो पहले क्रमशः 68 और 34 रुपये में मिलता था।

सभी कैटेगरी के दूध की कीमतों में बदलाव

टोंड मिल्क (Toned Milk):

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  • एक लीटर का पैक पहले 56 रुपये था, अब 57 रुपये हो गया है।
  • आधा लीटर पहले 28 रुपये था, अब 29 रुपये में मिलेगा।

स्टैंडर्ड मिल्क (Standard Milk):

  • आधा लीटर का दाम 31 रुपये से बढ़कर 32 रुपये हो गया है।
  • 5 लीटर पैक की कीमत 280 रुपये से बढ़ाकर 290 रुपये कर दी गई है।

अमूल और मदर डेयरी ने पहले ही बढ़ाए थे दाम

इससे पहले अमूल और मदर डेयरी जैसी बड़ी डेयरी कंपनियों ने 2 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की थी। यह प्रभाव अब उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी दिखाई दे रहा है। पराग दूध की इस बढ़ोतरी से साफ है कि मूल्यवृद्धि का यह सिलसिला थमने वाला नहीं है।

आगे और महंगे हो सकते हैं दही पनीर और घी

विशेषज्ञों का मानना है कि केवल दूध ही नहीं, बल्कि दूध से बनने वाले उत्पादों जैसे दही, पनीर और घी की कीमतें भी आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो यह साधारण उपभोक्ताओं की रसोई का बजट और बिगाड़ सकता है।

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क्यों बढ़ रही हैं दूध की कीमतें ?

  • पशु चारे की महंगाई
  • ट्रांसपोर्ट लागत में वृद्धि
  • बिजली और ईंधन के खर्च
  • दुग्ध उत्पादन में कमी
    इन सभी कारणों ने मिलकर दूध की कीमतों पर दबाव बनाया है। डेयरी कंपनियों का कहना है कि अगर इनपुट कॉस्ट कम नहीं हुई, तो आगे और बढ़ोतरी हो सकती है।

आम उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ा

हर रोज उपयोग में आने वाला दूध अब धीरे-धीरे आम लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है।
1 रुपये की बढ़ोतरी भले छोटी लगे, लेकिन

  • महीने भर में यह राशि 30 रुपये से अधिक बन जाती है,
  • और अगर परिवार बड़ा है या दूध की खपत ज्यादा है, तो यह बोझ और ज्यादा बढ़ जाता है।

आने वाला समय खर्चीला हो सकता है

दूध की कीमतों में बढ़ोतरी केवल शुरुआत हो सकती है। आने वाले महीनों में यदि दूध उत्पादन की लागत नहीं घटी, तो

  • पनीर, घी, दही, मक्खन जैसे अन्य उत्पाद भी महंगे होंगे,
  • जिससे मध्यम वर्ग और कम आय वाले परिवारों पर असर पड़ेगा।

सरकार और कंपनियों को चाहिए कि वे स्थायी समाधान की ओर कदम बढ़ाएं, ताकि दूध जैसी बुनियादी जरूरत की चीज आम लोगों की पहुंच में बनी रहे।

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