Atal Gyan Kendra: राजस्थान सरकार ने ग्रामीण युवाओं की शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को मजबूती देने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत अब पंचायत स्तर पर आधुनिक ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे गांव के छात्र बिना शहर जाए अपनी पढ़ाई को बेहतर बना सकें।
2126 पंचायत मुख्यालयों पर अटल ज्ञान केंद्र की शुरुआत
पहले चरण में राज्य की 2126 पंचायतों में ‘अटल ज्ञान केंद्र’ नाम से आधुनिक लाइब्रेरी का उद्घाटन किया जाएगा। राजस्थान की कुल करीब 11,000 पंचायतों में से इन केंद्रों की शुरुआत पहले इन चुनी गई पंचायतों में की जाएगी, इसके बाद शेष पंचायतों में भी यह योजना विस्तार पाएगी।
पढ़ाई के लिए मिलेंगी डिजिटल सुविधाएं
इन ज्ञान केंद्रों में ई-पुस्तकों, समाचार पत्रों और पत्र-पत्रिकाओं के साथ इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। लाइब्रेरी भारत निर्माण सेवा केंद्र के कक्ष में स्थापित की जाएगी, जिसमें कम से कम 4 वर्क स्टेशन और 20 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था होगी। साथ ही फर्नीचर और कंप्यूटर जैसी जरूरी चीजें भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
केवल परीक्षाओं तक सीमित नहीं सीखने का भी केंद्र
यह लाइब्रेरी सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तक सीमित नहीं रहेगी। यहां ग्रामीण लोग अपनी रुचि के अनुसार नई चीजें सीख सकेंगे, जैसे डिजिटल स्किल्स, कृषि से जुड़ी जानकारी, सरकारी योजनाओं की जानकारी आदि। यह केंद्र ग्रामीण शिक्षा को एक नया आयाम देने के लिए गतिविधि केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।
चयन होगा 3,000 से अधिक आबादी वाली पंचायतों का
इस योजना के तहत 3,000 या उससे अधिक जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इसका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण युवाओं को घर के पास ही पढ़ाई की बेहतर सुविधा मिल सके। इससे उन्हें शहर जाकर रहने, खर्च करने और संसाधनों के अभाव में पढ़ाई छोड़ने जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
हर जिले में चरणबद्ध तरीके से होगा निर्माण
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि अटल ज्ञान केंद्र पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से स्थापित किए जाएंगे। इससे हर जिले के युवाओं को लाभ मिलेगा। ये केंद्र राज्य के ‘राजीव सेवा केंद्र’ के समीप बनाए जाएंगे, ताकि तकनीकी संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।
निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया 8 लाख की लागत तय
प्रत्येक अटल ज्ञान केंद्र के निर्माण पर 8 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। यह राशि केंद्र की इमारत, संसाधनों और आवश्यक सामग्री पर खर्च होगी। डूंगरपुर जिले के एसीईओ अनिल पहाड़िया के अनुसार, राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है और जैसे ही निर्देश मिलेंगे, दो महीने के भीतर काम शुरू कर दिया जाएगा।
शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम
राजस्थान सरकार की यह पहल ग्रामीण शिक्षा की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम है। इससे जहां युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का बेहतर माहौल मिलेगा, वहीं गांवों में शिक्षा के स्तर में भी सुधार आएगा। इस कदम से हजारों युवाओं को उनके सपनों को साकार करने के लिए जरूरी मंच मिलेगा।