UP New Expressway: उत्तर प्रदेश में जल्द ही गंगा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। इस परियोजना की जिम्मेदारी यूपीडा (UPEIDA) और यीडा (YEIDA) ने ली है और इसका रूट फाइनल कर लिया गया है। यह नया एक्सप्रेसवे 74.3 किलोमीटर लंबा और छह लेन चौड़ा होगा, जिसकी लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपये अनुमानित की गई है। इस फैसले से प्रदेश में सड़क नेटवर्क और लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी को जबरदस्त मजबूती मिलने जा रही है।
यमुना एक्सप्रेसवे से अब सीधे जुड़ जाएगा नया गंगा एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश का पहला एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे है, जो नोएडा से आगरा तक जाता है। जबकि गंगा एक्सप्रेसवे एक नई परियोजना है, जो पश्चिमी यूपी को पूर्वी यूपी से जोड़ेगा। अब इन दोनों एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़कर एक भव्य और प्रभावी ट्रैफिक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इससे पहले पूर्वांचल, बुंदेलखंड और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ने का काम पूरा हो चुका है।
कहां से कहां तक बनेगा लिंक एक्सप्रेसवे ?
यह नया लिंक एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर माइलस्टोन से शुरू होगा, जो कि फिल्म सिटी, सेक्टर-21 के पास है। यह गंगा एक्सप्रेसवे के 44 किलोमीटर माइलस्टोन यानी बुलंदशहर के सियाना क्षेत्र तक जाएगा। इस 74 किलोमीटर लंबे मार्ग को 120 मीटर चौड़ाई के साथ बनाया जाएगा, जिससे बड़े ट्रक, बस और अन्य वाहनों की आवाजाही आसान होगी।
54 गांवों की भूमि पर बनेगा एक्सप्रेसवे
इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। यह नया लिंक एक्सप्रेसवे 54 गांवों की जमीन पर बनाया जाएगा, जिनमें गौतम बुद्ध नगर के 9 और बुलंदशहर जिले के 45 गांव शामिल हैं। भूमि अधिग्रहण को लेकर यूपीडा को अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) भी मिल चुका है।
खास डिजाइन यमुना सिटी को बिना छेड़े बना रूट
इस एक्सप्रेसवे का डिजाइन बेहद खास है। इसका एलाइनमेंट ऐसा तैयार किया गया है कि यह यमुना सिटी के किसी भी सेक्टर को नहीं काटेगा, जबकि पहले जो प्रस्तावित रूट था, वह सेक्टरों के बीच से गुजरता था। पहले इसकी लंबाई 83 किलोमीटर तय की गई थी, लेकिन अब इसे संशोधित करके 74.3 किलोमीटर कर दिया गया है।
एयरपोर्ट और उद्योगों को मिलेगा जबरदस्त फायदा
यह नया एक्सप्रेसवे सिर्फ यातायात सुविधा के लिए ही नहीं, बल्कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी फायदा पहुंचाएगा। इससे एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी पश्चिमी यूपी के अलावा दिल्ली-एनसीआर और पड़ोसी राज्यों तक और मजबूत होगी। बुलंदशहर के सियाना, शिकारपुर और खुर्जा तहसीलों के गांवों को भी इस परियोजना में जोड़ा गया है।
खर्च और आर्थिक लाभ दोनों होंगे बड़े
इस एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपये है। लेकिन यह केवल खर्च नहीं, बल्कि एक निवेश है जो आने वाले समय में औद्योगिक विकास, रियल एस्टेट और रोजगार के नए रास्ते खोलेगा। इससे परिवहन लागत कम होगी, माल ढुलाई तेज होगी और लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को नई ऊंचाई मिलेगी।
संपत्ति के दामों में उछाल तय
एक्सप्रेसवे बनने के बाद सबसे बड़ा असर संपत्ति बाजार पर पड़ेगा। अनुमान है कि आसपास के कस्बों और गांवों में ज़मीन और मकानों के दामों में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही, जो इलाके अभी तक विकास से दूर थे, वे भी नए व्यावसायिक और आवासीय हब बन सकते हैं।
मेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का भी प्रस्ताव
इस लिंक एक्सप्रेसवे के साथ ही बुलंदशहर के पास एक मेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की भी योजना है। इससे प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। नया एक्सप्रेसवे नेटवर्क राज्य में व्यापार और पर्यटन दोनों क्षेत्रों के लिए नए रास्ते खोलेगा।
22 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ
गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने से उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को नोएडा एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे सिर्फ हवाई यात्रा आसान नहीं होगी, बल्कि ट्रकिंग, लॉजिस्टिक्स और लोगों की आवाजाही भी बेहतर होगी। यह पूरा नेटवर्क दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जुड़कर यात्रा का समय कम करेगा।
मेरठ से प्रयागराज की दूरी होगी कम
लिंक एक्सप्रेसवे के बनने के बाद मेरठ से प्रयागराज तक की दूरी में लगभग 2 घंटे की कमी आएगी। इससे न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि औद्योगिक माल की डिलीवरी समय पर और सस्ती हो सकेगी। प्रदेश को एक नए आर्थिक और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभरने का अवसर मिलेगा।
योगी सरकार का मास्टरप्लान बदल देगा यूपी का नक्शा
योगी आदित्यनाथ सरकार का यह मास्टरप्लान उत्तर प्रदेश को आधुनिक सड़क नेटवर्क, तेज लॉजिस्टिक्स और मजबूत औद्योगिक ढांचे की दिशा में ले जा रहा है। गंगा-यमुना एक्सप्रेसवे लिंक न सिर्फ यात्रा का समय कम करेगा, बल्कि पूरे राज्य की आर्थिक गतिविधियों में नई ऊर्जा लाएगा।