इस शहर में पूरी तरह बैन है प्याज, ना खेतों के उगाता और ना थाली में मिलेगा Ban on Onion

Ban on Onion: भारत विविधता और परंपराओं का देश है, जहां खानपान से लेकर रहन-सहन तक में धार्मिक मान्यताओं का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे ही एक उदाहरण के रूप में सामने आता है कटरा – जम्मू-कश्मीर का एक छोटा लेकिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण शहर, जो माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वालों का प्रमुख प्रवेश द्वार है। यहां की एक अनोखी परंपरा ने इसे देश के सबसे विशेष शहरों में शामिल कर दिया है – यहां प्याज और लहसुन का पूरी तरह से प्रतिबंध है।

हर रसोई में जरूरी लेकिन यहां पूरी तरह अनुपस्थित

भारत में प्याज को रसोई की जान माना जाता है। चाहे सब्ज़ी बनानी हो या दाल में तड़का लगाना, प्याज का इस्तेमाल लगभग हर भारतीय घर में होता है। लेकिन कटरा एक ऐसा स्थान है जहां प्याज और लहसुन का नामोनिशान तक नहीं मिलता। ना इसकी खेती होती है, ना बाजार में बिकता है और ना ही किसी होटल-ढाबे में इसका प्रयोग किया जाता है।

धार्मिक आधार पर लिया गया निर्णय

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है। तामसिक भोजन से मन में आलस्य, क्रोध और कामुक विचार बढ़ते हैं, जिससे पूजा-पाठ और ध्यान में विघ्न उत्पन्न होता है। चूंकि कटरा माता वैष्णो देवी मंदिर का प्रमुख रास्ता है, इसलिए यहां का वातावरण पूरी तरह से सात्विक और शुद्ध बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया।

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होटल रेस्टोरेंट और दुकानों में भी प्रतिबंध

कटरा में आपको कोई प्याज बेचने वाली दुकान नहीं मिलेगी। यहां के होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे भी बिना प्याज और लहसुन के भोजन परोसते हैं। यह सुनकर शायद किसी को लगे कि खाना बेस्वाद होगा, लेकिन यकीन मानिए, यहां का सात्विक भोजन स्वाद और श्रद्धा का अनोखा संगम है, जो तीर्थयात्रियों को खूब पसंद आता है।

सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी

इस परंपरा को जीवित रखने में सिर्फ धार्मिक विश्वास नहीं, बल्कि सरकारी सहयोग और स्थानीय निवासियों की आस्था भी शामिल है। प्रशासन यह सुनिश्चित करता है कि प्याज की बिक्री ना हो, जबकि स्थानीय दुकानदार और होटल मालिक श्रद्धा से इस नियम का पालन करते हैं। कई बार पर्यटक प्याज मांगते हैं, लेकिन दुकानदार उन्हें सात्विक विकल्पों की सलाह देते हैं।

आस्था से बना अनुशासन का उदाहरण

कटरा भारत के उन गिने-चुने स्थानों में से एक है, जहां परंपराएं सिर्फ परंपराएं नहीं, अनुशासन और आस्था की पहचान बन चुकी हैं। यह दिखाता है कि जब समाज एकजुट होकर किसी धार्मिक संकल्प को मानता है, तो सामान्य चीजों का त्याग भी सहज हो जाता है।

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वैष्णो देवी यात्रा के साथ जुड़ा अनोखा अनुभव

जो भी यात्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटरा आता है, उसे यहां सिर्फ धार्मिक अनुभव ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक शुद्धता का भी एहसास होता है। प्याज और लहसुन से दूर रहकर परोसा गया भोजन लोगों को एक नई तरह की ताजगी और मानसिक शांति प्रदान करता है।