Toll Tax Rules: भारत में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे की संख्या लगातार बढ़ रही है। बेहतर सड़कों के कारण वाहन चालकों की लंबी दूरी की यात्रा में सुविधा तो बढ़ी है, लेकिन इसके साथ ही टोल टैक्स की बाध्यता भी बढ़ी है। अधिकतर लोगों को टोल चुकाना पड़ता है, लेकिन कुछ विशेष श्रेणी के लोगों को देशभर में किसी भी टोल प्लाजा पर पैसे नहीं देने पड़ते।
क्यों लिया जाता है टोल टैक्स ?
टोल टैक्स एक ऐसा शुल्क है जो हाईवे, पुल, सुरंग या एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले वाहनों से वसूला जाता है। इस शुल्क का इस्तेमाल सड़कों के निर्माण, रखरखाव और मरम्मत में किया जाता है। टोल टैक्स सरकार की ओर से तय किया गया यूजर चार्ज होता है, जिसे आमतौर पर टोल प्लाजा पर जमा करना पड़ता है।
कौन करता है टोल टैक्स की वसूली ?
भारत में टोल टैक्स वसूलने का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) करता है। यह संस्था सड़क मंत्रालय के अंतर्गत आती है और देश के सभी नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे का संचालन करती है। NHAI ने टोल संग्रहण को सुगम बनाने के लिए FASTag प्रणाली लागू की है, जिससे बिना रुके टोल शुल्क वसूला जाता है।
टोल टैक्स से कौन लोग हैं पूरी तरह मुक्त ?
भारत सरकार ने कुछ विशेष पदों पर बैठे लोगों को टोल टैक्स में पूर्ण छूट दी हुई है। ये लोग देश के किसी भी हिस्से में टोल प्लाजा पर एक भी रुपया दिए बिना वाहन लेकर जा सकते हैं। इसमें शामिल हैं:
- भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- मुख्य न्यायाधीश (CJI) और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश
- राज्यपाल और उपराज्यपाल
- केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री
- राज्यों के मुख्यमंत्री
- राज्य विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष
- राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष
- संसद सदस्य (MP) और विधायक (MLA/MLC)
- भारत सरकार के सचिव और राज्यों के प्रमुख सचिव
- राजकीय कार्यों पर आए विदेशी गणमान्य व्यक्ति
फ्री टोल की शर्तें क्या हैं ?
इन लोगों को केवल सरकारी कार्यों के दौरान टोल टैक्स से छूट दी जाती है। यह छूट सरकारी पहचान-पत्र और वाहन पर विशेष लोगो/स्टीकर के माध्यम से मान्य होती है। यदि ये व्यक्ति निजी यात्रा पर हों, तो उन्हें भी टोल चुकाना पड़ सकता है।
आम जनता को नहीं मिलती छूट
हालांकि आम जनता को टोल टैक्स देना ही पड़ता है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे आपातकालीन सेवाएं, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, सेना के वाहन आदि को भी टोल में छूट दी जाती है। इसके अलावा NHAI समय-समय पर स्थानीय रियायतें भी लागू करता है, जैसे कि टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर दायरे में रहने वाले लोगों को कम शुल्क देना पड़ता है।
FASTag से आसान हुई टोल प्रक्रिया
टोल टैक्स भुगतान के लिए अब FASTag को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे टोल प्लाजा पर लाइन लगने की समस्या कम हुई है, और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला है। जिन लोगों को टोल में छूट मिलती है, उनके वाहनों पर विशेष FASTag exempt category टैग जारी किए जाते हैं।