Haryana Govt Scheme: हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक और बड़ी योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने वाटर टैंक स्कीम 2025 लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत किसान अपने खेतों में डिग्गी (वाटर टैंक) बनवाकर वर्षा जल को संचित कर सकते हैं और आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग सिंचाई में कर सकते हैं।
सोलर पैनल पर मिलेगी 70% तक की सब्सिडी
योजना के अंतर्गत यदि किसान डिग्गी के ऊपर सोलर पैनल भी लगवाता है, तो उसे अतिरिक्त 70% तक की सब्सिडी का लाभ मिलेगा। इससे किसान अपने ट्यूबवेल को सोलर पावर से चला सकते हैं, जिससे बिजली का खर्च बचेगा और उत्पादन लागत में कमी आएगी। यह योजना MICADA (Micro Irrigation Command Area Development Authority) के पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है।
सब्सिडी का बंपर ऑफर जानें कैटेगरी के अनुसार लाभ
- एकल किसान को 70% सब्सिडी दी जाएगी, बशर्ते कि उसके नाम 5 एकड़ भूमि हो।
- यदि 4 या अधिक किसान मिलकर समूह बनाते हैं, और कुल मिलाकर कम से कम 5 एकड़ भूमि है, तो उन्हें 85% सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
- सोलर पैनल लगाने पर सभी पात्र किसानों को अलग से 70% सब्सिडी दी जाएगी।
इन जरूरी दस्तावेजों के बिना नहीं मिलेगा लाभ
योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- परिवार पहचान पत्र (PPP)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक की कॉपी
- जमीन की फर्द या इंतकाल
- खेत का नक्शा (जमीन की स्थिति दर्शाने वाला)
- ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन
ऐसे करें आवेदन MICADA पोर्टल पर
- अपने सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ नजदीकी CSC सेंटर पर जाएं।
- वहां MICADA पोर्टल पर आवेदन करें।
- आवेदन के दौरान सिंगल या ग्रुप कैटेगरी का चयन करें।
- सभी जानकारी सावधानीपूर्वक भरें और फॉर्म सब्मिट करने के बाद उसकी प्रिंट कॉपी अवश्य लें।
- दस्तावेजों को स्व-सत्यापित (Self-Attested) करना न भूलें।
योजना से मिलेंगे ये बड़े फायदे
- डिग्गी में वर्षा जल को स्टोर कर उसे सूखे के दिनों में सिंचाई में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सोलर पैनल से ट्यूबवेल चलाने पर बिजली के खर्च में बड़ी बचत संभव है।
- माइक्रो इरिगेशन सिस्टम (ड्रिप या फव्वारा सिंचाई) अपनाने पर भी सरकार द्वारा अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है।
- योजना से खेती की लागत घटेगी और जल उपयोग की दक्षता बढ़ेगी।
इन गलतियों से बचें नहीं मिलेगा लाभ
- खेत का Latitude-Longitude देना अनिवार्य है। जियो-टैगिंग की जानकारी नहीं देने पर आवेदन खारिज हो सकता है।
- यदि ग्रुप में किसान चार से कम हैं, तो 85% सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
- सभी दस्तावेजों को CSC पर जाकर स्व-सत्यापित कराना जरूरी है, अन्यथा आवेदन अमान्य हो सकता है।
किसानों की समृद्धि की ओर बढ़ता हरियाणा
वाटर टैंक स्कीम 2025 केवल एक योजना नहीं बल्कि हरियाणा के किसानों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण और जल संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है। सोलर पैनल के साथ यह योजना हरित ऊर्जा और टिकाऊ खेती को बढ़ावा दे रही है। किसान यदि सही समय पर आवेदन करते हैं और नियमों का पालन करते हैं तो यह योजना उन्हें आर्थिक मजबूती और जल संरक्षण दोनों में मदद कर सकती है।