स्विच बोर्ड में लगी बत्ती रोजाना कितने यूनिट बिजली खाती है, हर महीने का आएगा इतना बिजली बिल Electricity Bill

Electricity Bill: बिजली बचाने के लिए अक्सर हम टीवी, पंखा या चार्जर जैसी बड़ी चीजों का ध्यान रखते हैं। लेकिन कई बार हम ऐसी छोटी चीजें नजरअंदाज कर देते हैं, जो हर दिन लगातार बिजली खपत करती रहती हैं।
इन्हीं में से एक है – स्विचबोर्ड पर लगा छोटा इंडिकेटर लाइट, जो अक्सर बिना किसी ध्यान के दिन-रात 24 घंटे जलता रहता है। यह इंडिकेटर भले ही छोटा हो, लेकिन लंबे समय में बिजली बिल बढ़ाने का बड़ा कारण बन सकता है।

हर कमरे में लगे इंडिकेटर करते हैं लगातार बिजली खर्च

आजकल लगभग हर घर में कमरे, हॉल, किचन और बाथरूम तक में स्विचबोर्ड पर इंडिकेटर लाइट लगी होती है। ये लाइट तब भी जलती है जब न तो कोई उपकरण चल रहा हो और न ही उस स्विच का उपयोग हो रहा हो।
भारत में बिजली सप्लाई का वोल्टेज आमतौर पर 230 से 240 वोल्ट होता है। इस वोल्टेज पर एक इंडिकेटर 0.3 से 0.5 वॉट प्रति घंटा बिजली खर्च करता है।
यदि आपके घर में 10 स्विचबोर्ड हैं, तो ये दिनभर में करीब 72 वॉट बिजली खर्च कर सकते हैं। यानी महीने भर में करीब 2.1 यूनिट बिजली सिर्फ इन लाइटों से जाती है।

जानिए यह खर्च आपके जेब पर कितना भारी पड़ता है

अगर बिजली की दर औसतन ₹7 प्रति यूनिट मानी जाए, तो सिर्फ स्विचबोर्ड के इंडिकेटर से ₹15-20 प्रतिमाह का अतिरिक्त खर्च हो सकता है। यह आंकड़ा छोटे घर के लिए है। अगर बड़े घर की बात करें, तो यह खर्च और अधिक हो सकता है।

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यानी एक ऐसी लाइट जिसे हम अक्सर अनदेखा करते हैं, वह साल भर में ₹200 से ₹300 तक का फालतू बिजली बिल बढ़ा सकती है।

फिर भी क्यों जरूरी हैं ये इंडिकेटर लाइट ?

यह जानना भी ज़रूरी है कि ये इंडिकेटर लाइट पूरी तरह बेकार नहीं हैं। इनका एक खास सुरक्षा मकसद भी होता है। जब तूफान, लाइट ट्रिपिंग या अचानक वोल्टेज गिरने की स्थिति आती है, तब ये इंडिकेटर हमें बिजली की स्थिति का पता देने में मदद करते हैं। जब बिजली सप्लाई में गड़बड़ी होती है, तो इंडिकेटर की तेज़ी या मंद रोशनी से हमें इसका अंदाजा हो जाता है। इसी आधार पर हम तय कर सकते हैं कि बाकी उपकरणों को चालू करना सुरक्षित है या नहीं।

इन्वर्टर के समय यह लाइट बनती है मददगार

अगर आपके घर में इन्वर्टर की सुविधा है, तो यह इंडिकेटर यह बताने का भी काम करता है कि बिजली जा चुकी है या नहीं।

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कुछ स्विचबोर्ड में इन्वर्टर का कनेक्शन नहीं होता, ऐसे में जब मुख्य लाइन से बिजली कटती है, तो वहां का इंडिकेटर बंद हो जाता है। इससे तुरंत पता चल जाता है कि कौन सा बोर्ड इन्वर्टर पर है और कौन नहीं।

यह खासकर उन घरों में उपयोगी है जहां कई फेज या अलग-अलग इन्वर्टर लाइनें हों।

बिजली बचाने के लिए क्या करें ?

1. कम वोल्टेज वाले LED इंडिकेटर लगाएं
नए जमाने के LED इंडिकेटर बहुत कम बिजली खर्च करते हैं और लंबे समय तक चलते हैं।

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2. अनावश्यक इंडिकेटर हटवाएं
जिन स्विचबोर्ड्स पर इंडिकेटर की जरूरत नहीं, वहां से उन्हें निकाल दें या बंद करवा दें

3. स्मार्ट स्विच का करें इस्तेमाल
स्मार्ट स्विच और मॉड्यूल आजकल बाजार में उपलब्ध हैं, जो कम खपत और ऑटोमैटिक कंट्रोल जैसी सुविधाएं देते हैं।

4. बिजली बिल पर नियमित नज़र रखें
छोटी-छोटी चीजों से महीने में 30 से 50 यूनिट की बचत हो सकती है, जो लंबे समय में आपके बजट को बेहतर बनाती है।

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छोटी लापरवाही से बड़ा नुकसान

स्विचबोर्ड का इंडिकेटर भले ही एक छोटी सी LED लाइट हो, लेकिन यह हर घर में लगातार 24 घंटे बिजली खपत करता है। थोड़ी सी समझदारी और स्मार्ट प्लानिंग से आप इस छोटे से उपकरण के जरिए बिजली की बचत और बिल में राहत पा सकते हैं। बिजली बचाना न सिर्फ आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी ज़रूरी है।