बिजली चोरों के खिलाफ विभाग हुआ सख्त, ड्रोन से रखी जाएगी निगरानी Bijli Vibhag Action

Bijli Vibhag Action: कानपुर में बिजली चोरी पर रोक लगाने के लिए केस्को (Kanpur Electricity Supply Company) ने अब ड्रोन टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। शहर के घनी बस्तियों और संकरी गलियों में जहां बिजली चोरी को पकड़ना मुश्किल होता था, अब वहां पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी। इस पहल की शुरुआत बुधवार को चमनगंज क्षेत्र से हुई, जहां विशेष अभियान के तहत ड्रोन की मदद से बिजली चोरी करने वालों को रंगे हाथ पकड़ा गया।

चमनगंज में पहली कार्रवाई चार घरों में मिली बिजली चोरी

केस्को की इस ड्रोन निगरानी अभियान के दौरान चमनगंज के कई घरों को स्कैन किया गया। जांच में चार घरों में सीधी लाइन से बिजली खपत का मामला सामने आया। बिजली चोरी में शामिल लोगों के नाम हैं:

  • गाज सफी
  • मोहम्मद बुलंद तहला
  • जेबा काज़मी
  • मोहम्मद असलम

इन सभी के खिलाफ विधुत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत चमनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। अब इन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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केस्को बोले अब कोई बच नहीं पाएगा

केस्को के मीडिया प्रभारी देवेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बिजली चोरी पकड़ना मुश्किल होता है, क्योंकि वहां मीटर तक पहुंचना आसान नहीं होता या लोग टीम को देखकर सतर्क हो जाते हैं। ऐसे में अब ड्रोन की मदद से छतों पर, पीछे के रास्तों पर और तारों की स्थिति पर निगरानी रखी जाएगी।

उन्होंने बताया,

“अब हमारी टीमें दिन और रात दोनों समय छापेमारी करेंगी। जहां भी चोरी की शिकायत या शक होगा, वहां ड्रोन भेजा जाएगा।”

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स्मार्ट मीटरों में भी हो रही छेड़छाड़ गहराई से जांच जारी

बिजली चोरी केवल कनेक्शन से नहीं बल्कि स्मार्ट मीटरों के साथ छेड़छाड़ करके भी की जा रही है। केस्को को ऐसे कई स्मार्ट मीटरों पर संदेह है, जो अनियमित रीडिंग दिखा रहे हैं। इन मीटरों को जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता चल सके कि कहीं अंदरूनी सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर से छेड़छाड़ तो नहीं की गई।

विद्युत अधिनियम की धारा 135 क्या है ?

धारा 135 के तहत बिजली चोरी एक दंडनीय अपराध है। इसके अंतर्गत दोषी पाए जाने पर:

  • पहली बार पकड़े जाने पर ₹10,000 तक का जुर्माना या 3 साल तक की सजा या दोनों हो सकते हैं।
  • दोबारा अपराध करने पर सजा 5 साल तक बढ़ सकती है और जुर्माना भी ज्यादा लगाया जा सकता है।

बिजली चोरी से होता है करोड़ों का नुकसान

केस्को के अनुसार, हर साल करोड़ों रुपये की बिजली चोरी के कारण कंपनी को नुकसान उठाना पड़ता है। इसका सीधा असर ईमानदारी से बिल चुकाने वाले ग्राहकों पर पड़ता है क्योंकि उनकी यूनिट दरों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी करनी पड़ती है।

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ड्रोन निगरानी से कैसे पकड़ी जाती है चोरी ?

ड्रोन से निगरानी करते समय टीम:

  • ऊपर से बिजली की लाइनें स्कैन करती है
  • यह देखा जाता है कि कोई तार मीटर के बाहर से सीधा कनेक्शन तो नहीं ले रहा
  • घरों की छतों पर रखे वायरिंग और अन्य उपकरणों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है
  • संदिग्ध स्थानों की GPS लोकेशन सेव की जाती है ताकि टीम मौके पर पहुंचे और तुरंत कार्रवाई करे

जनता को भी मिलेगा फायदा

बिजली चोरी की रोकथाम से:

  • बिजली सप्लाई अधिक स्थिर होगी
  • लोड शेडिंग कम होगी
  • कंपनी का घाटा कम होने से बिल की दरों में राहत मिल सकती है
  • ईमानदार उपभोक्ताओं को न्याय मिलेगा

क्या बोले स्थानीय लोग ?

चमनगंज में हुई कार्रवाई के बाद लोगों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि इससे न्याय मिलेगा, वहीं कुछ लोगों ने कहा कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए, ताकि किसी बेगुनाह को न फंसाया जाए।

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केस्को की अपील चोरी से बचें बिजली का सही इस्तेमाल करें

केस्को ने सभी नागरिकों से अपील की है कि बिजली चोरी न करें, क्योंकि यह न केवल अपराध है बल्कि समाज के साथ धोखा भी है। अगर किसी को अपने इलाके में बिजली चोरी की जानकारी है तो वह कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकता है। उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।

ड्रोन टेक्नोलॉजी से अब बचना होगा मुश्किल

केस्को का यह नया कदम दिखाता है कि अब बिजली चोरी को सहने का समय खत्म हो चुका है। आधुनिक तकनीक और कड़े कानूनों के साथ अब इस पर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में हर उपभोक्ता को चाहिए कि वह ईमानदारी से बिल चुकाए और ऊर्जा बचाने में सहयोग करें।

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