लोन सेटलमेंट से सिबिल स्कोर पर क्या पड़ेगा असर, लोन लेने से पहले जान लेना ये बात Loan Settlement Rules

Loan Settlement Rules: जब कोई व्यक्ति लोन की EMI समय पर नहीं चुका पाता और उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है, तो बैंक उसे एकमुश्त भुगतान (one-time settlement) का विकल्प देता है। इसमें कर्जदार बकाया राशि से कम रकम देकर लोन सेटल करता है। यह विकल्प आमतौर पर तब दिया जाता है जब कर्जदार की नौकरी चली गई हो, गंभीर बीमारी हो या अन्य आर्थिक संकट हो।

लोन सेटलमेंट और लोन क्लोजर में अंतर

लोन क्लोजर का मतलब है कि आपने अपने लोन की सभी किस्तें समय पर चुकाई हैं और लोन पूरी तरह से बंद हो गया है। यह आपके CIBIL स्कोर पर सकारात्मक असर डालता है। वहीं, लोन सेटलमेंट में आप पूरी राशि नहीं चुकाते, जिससे आपके क्रेडिट रिपोर्ट में ‘Settled’ का स्टेटस आता है, जो आपके स्कोर को नुकसान पहुंचाता है।

CIBIL स्कोर पर लोन सेटलमेंट का प्रभाव

जब आप लोन सेटलमेंट करते हैं, तो बैंक इस जानकारी को CIBIL और अन्य क्रेडिट ब्यूरो को भेजता है। इसके बाद आपके क्रेडिट रिपोर्ट में ‘Settled’ का स्टेटस दिखता है, जो भविष्य में लोन लेने की योग्यता को प्रभावित करता है। यह स्टेटस 7 साल तक आपकी रिपोर्ट में रहता है और इस दौरान नए लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।

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लोन सेटलमेंट से बचने के उपाय

  1. बचत और निवेश का उपयोग करें: अपनी बचत या निवेश को भुनाकर लोन चुकाने की कोशिश करें।
  2. परिवार और दोस्तों से मदद लें: जरूरत पड़ने पर उनसे उधार लेकर लोन चुकाएं।
  3. बैंक से पुनर्गठन की मांग करें: EMI की अवधि बढ़ाने या ब्याज दर कम करने के लिए बैंक से बातचीत करें।
  4. कम ब्याज वाले पर्सनल लोन का विकल्प चुनें: पुराने लोन को चुकाने के लिए नया लोन लें, जिससे सेटलमेंट से बचा जा सके।

‘Settled’ स्टेटस को ‘Closed’ में कैसे बदलें ?

यदि आपने पहले लोन सेटलमेंट किया है और अब आपकी आर्थिक स्थिति सुधर गई है, तो आप बकाया राशि चुकाकर बैंक से ‘No Dues Certificate’ प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद CIBIL को सूचित करें और अपने क्रेडिट रिपोर्ट में ‘Settled’ स्टेटस को ‘Closed’ में बदलवाएं।

CIBIL स्कोर सुधारने के उपाय

  1. समय पर भुगतान करें: सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं।
  2. क्रेडिट उपयोग कम रखें: अपने क्रेडिट लिमिट का 30% से कम उपयोग करें।
  3. नए लोन के लिए बार-बार आवेदन न करें: इससे आपके स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
  4. क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित जांच करें: किसी भी त्रुटि को समय पर सुधारें।