Solar Pump Subsidy: झारखंड सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और उनकी सिंचाई की लागत को कम करने के उद्देश्य से एक नई योजना ‘किसान समृद्धि योजना’ की शुरुआत की है। यह योजना खासतौर पर सौर ऊर्जा (Solar Energy) आधारित सिंचाई प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए लाई गई है। यह राज्य में पहली बार शुरू की गई योजना है, जो किसानों को ऊर्जा के सस्ते और पर्यावरण अनुकूल विकल्प उपलब्ध कराएगी।
सिंचाई पर खर्च होती है किसानों की सबसे ज्यादा कमाई
आज के समय में खेती की लागत में सबसे बड़ा हिस्सा सिंचाई पर खर्च होता है। डीजल पंप या बिजली से चलने वाली सिंचाई व्यवस्था न केवल महंगी होती है, बल्कि इससे पर्यावरण में प्रदूषण भी फैलता है। खासतौर पर झारखंड जैसे राज्य, जहां दूरदराज के इलाकों में बिजली की पहुंच सीमित है, वहां किसानों को सिंचाई के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सोलर सिंचाई को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
90% तक सब्सिडी किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा
‘किसान समृद्धि योजना’ के तहत राज्य सरकार किसानों को सोलर इरिगेशन यूनिट्स पर 90% तक सब्सिडी दे रही है। यानी एक किसान को अगर सोलर पंप लगवाना है तो उसे उसकी कुल लागत का केवल 10% ही खर्च करना पड़ेगा, बाकी सरकार वहन करेगी। इससे न सिर्फ कृषि लागत कम होगी, बल्कि लंबे समय तक किसानों को बिजली और डीजल पर खर्च नहीं करना पड़ेगा।
पूरे राज्य के 24 जिलों में लागू होगी योजना
यह योजना झारखंड के सभी 24 जिलों में लागू की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी प्रकार के जल स्रोतों जैसे कि कुआं, झरना, तालाब, चेक डैम या नदी से पानी उठाने के लिए सोलर पंप लगाए जा सकें। इससे पहले सिर्फ सीमित क्षेत्रों में ऐसी सुविधाएं थीं, लेकिन अब यह राज्यव्यापी होगी।
दो तरह की सिंचाई इकाइयां मिलेंगी किसानों को
योजना के अंतर्गत किसानों को दो प्रकार की सोलर सिंचाई इकाइयां दी जाएंगी:
- 5HP सतही सौर एनर्जी आधारित पम्पसेट (उद्वह सिंचाई इकाई) – यह स्थायी यूनिट होगी जिसे खेत के पास स्थापित किया जाएगा। यह ज्यादा पानी की जरूरत वाले क्षेत्रों के लिए उपयोगी है।
- 2HP सतही सौर ऊर्जा आधारित पम्पसेट (चलंत सिंचाई इकाई) – यह पोर्टेबल यानी एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने योग्य यूनिट होगी, जो छोटे किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता होगी कम
झारखंड सरकार की यह पहल पर्यावरणीय दृष्टि से भी बेहद अहम है। इससे किसानों को डीजल और कोयले जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। साथ ही, इससे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आएगी। यह योजना क्लाइमेट फ्रेंडली फार्मिंग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
छोटे किसानों को प्राथमिकता
इस योजना के तहत लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है। झारखंड में बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं जिनकी जोत छोटी है और संसाधन सीमित हैं। इन किसानों के लिए सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली लागत कम करने और पैदावार बढ़ाने का प्रभावी साधन बन सकती है।
आवेदन प्रक्रिया होगी सरल
सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया गया है कि किसान बिना किसी जटिल प्रक्रिया के ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकें। राज्य के कृषि विभाग, प्रखंड स्तरीय कार्यालयों और पंचायत स्तर पर हेल्पडेस्क की व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी किसान को योजना का लाभ लेने में दिक्कत न हो।
तकनीकी सहायता और ट्रेनिंग भी दी जाएगी
केवल यूनिट देने तक ही योजना सीमित नहीं है, बल्कि किसानों को सोलर यूनिट के रखरखाव और उपयोग की पूरी जानकारी देने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यूनिट लंबे समय तक काम करे और किसान आत्मनिर्भर बनें।
योजना से जुड़ने के फायदे
- बिजली और डीजल पर खर्च खत्म
- हर मौसम में सिंचाई की सुविधा
- उत्पादन लागत में भारी कमी
- पर्यावरण संरक्षण में योगदान
- सरकारी सब्सिडी का सीधा लाभ
- खेती के लिए स्थायी समाधान
किसानों के जीवन में आएगा उजाला
झारखंड सरकार की ‘किसान समृद्धि योजना’ एक ऐसा प्रयास है जो किसानों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है। सोलर सिंचाई न सिर्फ खेती को आसान बनाएगी बल्कि कृषकों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक होगी। यह योजना आने वाले समय में झारखंड को ग्रीन एग्रीकल्चर स्टेट के रूप में पहचान दिला सकती है।